RSS Chief मोहन भागवत ने स्पष्ट किया है कि आरएसएस की कार्यप्रणाली यांत्रिक नहीं, बल्कि विचार आधारित है।
RSS Chief की उपस्थिति
राजस्थान के बारां में शनिवार को ‘स्वयंसेवक एकीकरण’ कार्यक्रम में RSS Chief भागवत ने कहा कि समाज को भाषा, जाति और क्षेत्र के भेदभाव को समाप्त करके एकता और सद्भावना की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने अनुशासन और राज्य के प्रति कर्तव्य का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
RSS Chief का संदेश
उन्होंने कहा, “समाज केवल मेरे और मेरे परिवार से नहीं बनता, बल्कि हमें समाज का हर पहलू ध्यान में रखते हुए अपने जीवन में ईश्वर को प्राप्त करना चाहिए।”
भारत को हिंदू राष्ट्र बताते हुए उन्होंने कहा, “हम यहां प्राचीन काल से निवास कर रहे हैं, हालांकि ‘हिंदू’ नाम बाद में आया। यहां रहने वाले सभी धर्मों के लोग हिंदू माने जाते हैं।”
RSS Chief ने कहा कि भारत में निवास करने वाले सभी संप्रदायों के लोगों के लिए “हिंदू” शब्द का उपयोग किया जाता है। “हिंदू सभी को अपना मानते हैं और सभी का स्वागत करते हैं। वे कहते हैं कि हम सही हैं और आप भी सही हैं, और हम एक-दूसरे के साथ संवाद करके सद्भाव में रहते हैं।”
RSS Chief की कार्यप्रणाली
उन्होंने आरएसएस की कार्यप्रणाली को यांत्रिक नहीं, बल्कि विचार आधारित बताते हुए कहा कि यह एक अद्वितीय संगठन है, जिसके मूल्य समूह के नेताओं से लेकर स्वयंसेवकों, उनके परिवारों और व्यापक समाज तक पहुंचते हैं।
RSS Chief भागवत ने आरएसएस स्वयंसेवकों से समुदायों के बीच संपर्क बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “सामाजिक सद्भाव, न्याय, स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। स्वयंसेवकों को हमेशा सक्रिय रहना चाहिए और सद्भाव को बढ़ावा देना चाहिए।”
RSS Chief Mohan Bhagwat has clarified that the functioning of the RSS is not mechanical but idea-based.
RSS Chief’s presence
At the ‘Swayamsevak Ekta’ program in Baran, Rajasthan on Saturday, **RSS Chief** Bhagwat said that society should move towards unity and goodwill by ending discrimination on the basis of language, caste and region. He stressed on the need for discipline and following the duty towards the state.
RSS Chief’s message
“Society is not made up of only me and my family, but we should achieve God in our lives by keeping in mind every aspect of society,” he said.
Describing India as a Hindu nation, he said, “We have been living here since ancient times, though the name ‘Hindu’ came later. People of all religions living here are considered Hindus.”
The RSS Chief said that the word “Hindu” is used for people of all sects residing in India. “Hindus consider everyone as their own and welcome everyone. They say we are right and you are right too, and we live in harmony by communicating with each other.”
RSS Chief’s modus operandi
Describing the RSS’s modus operandi as not mechanical but idea-based, he said it is a unique organisation whose values extend from the group’s leaders to the volunteers, their families and the wider society.
Appealing to RSS volunteers to maintain contact across communities, Bhagwat said, “The focus should be on social harmony, justice, health, education and self-reliance. Volunteers should always be active and promote harmony.”