Dattatreya Hosabale ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ (अगर बंटे, तो नष्ट हो जाएंगे) वाले बयान का जोरदार समर्थन किया है। मथुरा में संघ के वरिष्ठ नेताओं की दो दिवसीय बैठक के बाद शनिवार को Dattatreya Hosabale, जो आरएसएस के सरकार्यवाह हैं, ने हिंदू एकता की इस अपील का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि यदि हिंदू समाज एकजुट नहीं रहा, तो ‘बटेंगे तो कटेंगे ‘ की स्थिति वास्तविक हो सकती है।
योगी आदित्यनाथ ने जातिगत विभाजन के खिलाफ चेतावनी देते हुए लगातार सामाजिक एकता का आह्वान किया है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से विपक्ष द्वारा जाति जनगणना की मांग को भी खारिज कर दिया है। Dattatreya Hosabale ने कहा कि समाज में एकता अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि जाति, भाषा और सामाजिक विभाजन से समाज के अस्तित्व पर खतरा मंडरा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं की एकता न केवल समाज के कल्याण बल्कि लोगों की खुशहाली के लिए भी जरूरी है।
संघ और भाजपा के बीच कथित विवादों को लेकर Dattatreya Hosabale ने स्पष्ट किया कि आरएसएस एक सार्वजनिक संगठन है और किसी भी राजनीतिक दल के साथ उसका कोई टकराव नहीं है। “हम सभी से मिलते हैं, चाहे वह भाजपा हो, कांग्रेस हो या उद्योगपति। हमारा उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जो नफरत से मुक्त हो,” उन्होंने कहा।
योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में मथुरा के गौतम कुटीर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। यह बैठक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले हुई थी, जिसमें उन्होंने आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले से भी चर्चा की। मुख्यमंत्री और भागवत के बीच हुई यह बैठक दो घंटे से ज्यादा समय तक चली, जिसमें राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
होसबाले ने धार्मिक परिवर्तन के बढ़ते मामलों और गणेश विसर्जन व दुर्गा पूजा के दौरान हिंदुओं पर हुए हमलों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट रहना होगा।
बांग्लादेश में हालिया अशांति के दौरान हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि संघ का मानना है कि बांग्लादेश के हिंदुओं को वहीं रहकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। संघ के विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोग वहां भी सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।
ओटीटी प्लेटफार्मों पर कड़े कानून की आवश्यकता पर जोर देते हुए होसबाले ने कहा कि इन प्लेटफार्मों पर उपलब्ध सामग्री बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, क्योंकि उनके पास मोबाइल डिवाइस की आसान पहुंच है।
कृष्ण जन्मभूमि मामले पर उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है, और इसे न्यायपालिका पर छोड़ देना चाहिए। “हर मामला अयोध्या विवाद जैसा नहीं हो सकता। हमें न्यायपालिका पर विश्वास रखना चाहिए,” उन्होंने कहा।
वक्फ संशोधन बिल में बदलाव को लेकर उन्होंने यूपीए शासन के दौरान किए गए संशोधनों को साजिश का हिस्सा बताया और कहा कि अब इन संशोधनों को सही करने की आवश्यकता है।
होसबाले ने स्पष्ट किया कि आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक किसी राजनीतिक दल को संदेश देने के लिए नहीं थी, बल्कि यह पूरे समाज के लिए थी। “हमारा संदेश सभी के लिए है,” उन्होंने कहा।
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath’s recent statement ‘Batenge to Katenge’ (if divided, we will be destroyed) has received strong support from the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS).
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath’s statement ‘Batenge to Katenge’ (if divided, we will be destroyed) has received strong support from the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) General Secretary Dattatreya Hosabale. After a two-day meeting of senior Sangh leaders in Mathura, RSS General Secretary Dattatreya Hosabale on Saturday strongly supported this appeal for Hindu unity and said that if the Hindu society does not remain united, the situation of ‘katenge to katenge’ can become real.
Yogi Adityanath has constantly called for social unity, warning against caste divisions. He has also indirectly rejected the demand for caste census by the opposition. Dattatreya Hosabale said that unity in society is extremely necessary, as caste, language and social divisions can threaten the existence of society. He also said that the unity of Hindus is necessary not only for the welfare of the society but also for the well-being of the people.
Regarding the alleged disputes between the Sangh and the BJP, Dattatreya Hosabale clarified that the RSS is a public organization and has no conflict with any political party. “We meet everyone, be it the BJP, the Congress or industrialists. Our aim is to create a society that is free from hatred,” he said.
Yogi Adityanath recently met RSS chief Mohan Bhagwat at Gautam Kutir in Mathura. The meeting took place before the Sangh’s national executive meeting, in which he also discussed with RSS Sarkaryavah Dattatreya Hosabale. The meeting between the Chief Minister and Bhagwat lasted for more than two hours, in which national issues were discussed.
Hosabale also expressed concern over the increasing cases of religious conversion and attacks on Hindus during Ganesh Visarjan and Durga Puja. He said that the Hindu society has to remain united for its safety.
On the violence against Hindus during the recent unrest in Bangladesh, he said the Sangh believes that Hindus of Bangladesh should stay there and ensure their safety. People who believe in the ideology of the Sangh are also actively cooperating there.
Stressing on the need for strict laws on OTT platforms, Hosabale said that the content available on these platforms is having a negative impact on children, as they have easy access to mobile devices.
On the Krishna Janmabhoomi case, he said that the matter is sub-judice in the court, and it should be left to the judiciary. “Every case cannot be like the Ayodhya dispute. We should have faith in the judiciary,” he said.
On the changes in the Waqf Amendment Bill, he called the amendments made during the UPA rule as part of a conspiracy and said that now these amendments need to be corrected.
Hosabale clarified that the RSS national executive meeting was not to give a message to any political party, but it was for the entire society. “Our message is for everyone,” he said.