कनाडा के प्रधानमंत्री justin trudeau ने हिंदू महासभा मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि कनाडा में हिंसा और नफरत के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा फैलाने वाले सिख और हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। इसके साथ ही, ट्रूडो ने स्वीकार किया कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक मौजूद हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री justin trudeau ने पहली बार स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि उनके देश में खालिस्तान समर्थक मौजूद हैं। लंबे समय से भारत कनाडा पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को पनाह देने का आरोप लगाता आ रहा था, जिसे ट्रूडो ने अब खुद ही स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। इसी तरह, उन्होंने कहा कि कनाडा में पीएम नरेंद्र मोदी के कई हिंदू समर्थक भी हैं, लेकिन वे भी पूरे हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
यह बयान उस घटना के बाद आया है, जिसमें 3 नवंबर को ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर पर कट्टरपंथियों ने हमला किया था। इस हमले के दौरान महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया गया, और घटना का वीडियो सामने आने के बाद व्यापक विरोध देखने को मिला। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की। 6 नवंबर को कनाडा की संसद में ट्रूडो ने भी इस हिंसा की निंदा की और कहा कि इसके लिए हिंदू या सिख समुदाय को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। उनके अनुसार, हिंसा में शामिल लोग किसी भी समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
कनाडा में हाल के दिनों में भारत-कनाडा संबंधों में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। कनाडा की सरकार, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की समर्थक मानी जाती है, ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रसारित करने वाले ऑस्ट्रेलियाई न्यूज चैनल ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ के सोशल मीडिया पेज को ब्लॉक कर दिया। इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए, ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह महत्वपूर्ण मुद्दों को सामने लाने से पीछे नहीं हटेगा।
भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव की शुरुआत कहां से हुई ?
इस विवाद की जड़ पिछले साल हुई एक घटना में भी है, जब कनाडा के सरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। कनाडा ने इस हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया, लेकिन भारत ने सबूत की मांग की। कनाडा अभी तक भारत को ठोस सबूत नहीं सौंप सका है। इस आरोप के बाद दोनों देशों के संबंधों में और खटास आई, जिसके चलते भारत ने अपने कुछ राजनयिकों को वापस बुला लिया और कनाडा के कई राजनयिकों को भी देश छोड़ने का आदेश दे दिया।
कनाडा और भारत के बीच यह बढ़ता तनाव दोनों देशों के लिए कूटनीतिक चुनौती बनता जा रहा है, जिसका असर वैश्विक स्तर पर भी महसूस किया जा रहा है।
Canadian Prime Minister Justin Trudeau strongly condemned the attack on the Hindu Mahasabha temple and said that there is no place for violence and hatred in Canada. He also made it clear that those who spread violence do not represent the Sikh and Hindu community. Along with this, Trudeau admitted that Khalistani supporters are present in Canada.
Canadian Prime Minister Justin Trudeau has for the first time clearly admitted that Khalistani supporters are present in his country. For a long time, India has been accusing Canada of sheltering pro-Khalistan separatists, which Trudeau himself has now accepted. However, he also said that Khalistani supporters in Canada do not represent the Sikh community. Similarly, he said that PM Narendra Modi also has many Hindu supporters in Canada, but they also do not represent the entire Hindu community.
This statement comes after the incident in which the Hindu Sabha temple in Brampton was attacked by radicals on November 3. Women and children were also targeted during this attack, and widespread protests were seen after the video of the incident surfaced. Indian Prime Minister Narendra Modi strongly condemned the attack. On November 6, Trudeau also condemned the violence in the Canadian Parliament and said that the Hindu or Sikh community should not be blamed for it. According to him, those involved in the violence do not represent any community.
Indo-Canada relations have been getting increasingly tense in recent days in Canada. The Canadian government, which is considered a supporter of freedom of expression, blocked the social media page of Australian news channel ‘Australia Today’ which broadcast the press conference of Indian Foreign Minister S. Jaishankar. Reacting to this move, ‘Australia Today’ reiterated its commitment and said that it would not back down from bringing forward important issues.
Where did the tension in India-Canada relations start?
The root of this dispute also lies in an incident that took place last year, when Hardeep Singh Nijjar was murdered outside a gurdwara in the Canadian city of Surrey. Canada accused India of being behind the murder, but India demanded evidence. Canada has not yet been able to provide concrete evidence to India. After this allegation, relations between the two countries further soured, due to which India recalled some of its diplomats and also ordered many Canadian diplomats to leave the country.
This growing tension between Canada and India is becoming a diplomatic challenge for both countries, the impact of which is also being felt at the global level.