Ardha Matsyendrasana/अर्ध मत्स्येन्द्रासन एक बैठकर किया जाने वाला आधा मोड़।
Ardha Matsyendrasana के दौरान, रीढ़ की हड्डी को आगे और पीछे झुकाने के बाद, यह आसन एक पार्श्व खिंचाव प्रदान करता है, जो कमर दर्द और पीठ तथा कूल्हों के मांसपेशीय गठिया को कम करने में मदद करता है। इसमें प्रत्येक कशेरुका को दोनों दिशाओं में मोड़ा जाता है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन का प्रभाव पित्ताशय, तिल्ली, गुर्दे, यकृत और आंतों पर लाभकारी होता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों की मालिश करता है और विशेष रूप से बड़ी आंत को उत्तेजित करता है, जिससे कब्ज, अपच और अन्य पाचन समस्याओं से राहत मिलती है। आध्यात्मिक स्तर पर, यह आसन कुंडलिनी जागरण में सहायक माना जाता है।
इस आसन का उद्देश्य है आपकी रीढ़ को पार्श्व गतिशीलता बनाए रखना और इसके फ़ायदे क्या हैं
Ardha Matsyendrasana/अर्ध मत्स्येन्द्रासन, जिसे Half Spinal Twist के नाम से भी जाना जाता है, एक बैठकर किया जाने वाला योगासन है जिसमें रीढ़ को एक ओर मोड़ा जाता है। यह आसन रीढ़ की लचीलापन और गतिशीलता को बेहतर बनाने में मदद करता है, विशेषकर निचले हिस्से और कूल्हों में। यह पार्श्व खिंचाव प्रदान करता है, जिससे तनाव कम होता है, कमर दर्द में राहत मिलती है, और मांसपेशियों में असुविधा को कम किया जा सकता है।
यह मोड़ आंतरिक अंगों जैसे यकृत, गुर्दे, तिल्ली और आंतों को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन में सुधार होता है और कब्ज व अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। आध्यात्मिक स्तर पर, अर्ध मत्स्येन्द्रासन कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करने और शरीर की ऊर्जा चैनलों को संतुलित करने में सहायक माना जाता है।
यह योग को आप टीन स्टेप में कर सकते हैं।
चरण 1 – पैर मोड़ें अपनी एड़ी पर बैठें। अपने नितंबों को जमीन पर डालें, अपनी टांगों की तरफ।
चरण 2 – पैर की स्थिति अपनी दायी टांग को मोड़िएगा। अपनी दाई जोड़ी को अपनी बायीं टांगों के ऊपर क्रॉस करिए, और इसे अपनी बायीं घुटनों के बाहर जमीन पर रखिए। अपने हाथ सीधे रखते हुए, अपना हाथ अपने पीछे ज़मीन पर सपाट रखिये। हाथ: अपने दाई हाथ को ज़मीन पर रखिए। अपना बाय हाथ सीधा ऊपर उठै।
चरण 3 – ट्विस्ट अपने बाए हाथ को नीचे करिए, इसे अपने मोरे हुए घुटनों के बाहर ले जाइए, फिर अपनी दायी टखने को पकड़िए। काम से कम 30 सेकंड तक होल्ड करिए। फिर, दूसरी तरफ घूम कर दोबारा कीजिए।
ये योग आप अपनी सेहत को ध्यान में रख करें। अगर कोई परेशानियाँ आती है तो किसी योग शिक्षक का सहयोग लें।
Ardha Matsyendrasana is a seated half twist.
During Ardha Matsyendrasana, after bending the spine forward and backward, the asana provides a lateral stretch, which helps in reducing back pain and muscular arthritis of the back and hips. In this, each vertebra is twisted in both directions. Ardha Matsyendrasana has a beneficial effect on the gall bladder, spleen, kidneys, liver and intestines. This asana massages the abdominal muscles and especially stimulates the large intestine, thereby relieving constipation, indigestion and other digestive problems. On a spiritual level, this asana is believed to be helpful in Kundalini awakening.
The purpose of this asana is to maintain lateral mobility of your spine and what are its benefits
Ardha Matsyendrasana, also known as Half Spinal Twist, is a seated yoga asana in which the spine is twisted to one side. This asana helps improve flexibility and mobility of the spine, especially in the lower back and hips. It provides lateral stretching, which can release tension, relieve back pain, and reduce muscle discomfort.
This twist stimulates internal organs such as the liver, kidneys, spleen, and intestines, thereby improving digestion and relieving problems such as constipation and indigestion. On a spiritual level, Ardha Matsyendrasana is believed to help awaken kundalini energy and balance the body’s energy channels.
You can do this yoga in teen steps.
Step 1 – Bend Legs Sit on your heels. Place your buttocks on the floor, facing your toes.
Step 2 – Leg Position Bend your right leg. Cross your right pair over your left leg, and place it on the floor outside your left knee. Keeping your arms straight, place your hands flat on the floor behind you. Hands: Place your right hand on the floor. Raise your left hand straight up.
Step 3 – Twist Lower your left hand, take it to the outside of your bent knee, then grab your right ankle. Hold for at least 30 seconds. Then, turn to the other side and repeat.
Do this yoga keeping your health in mind. If you face any problems, seek the help of a yoga teacher.