Bangladesh Government ने भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग करते हुए एक पत्र भेजा है, क्योंकि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इसके अलावा, हसीना सहित कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य व नागरिक अधिकारियों के खिलाफ भी वारंट जारी किए गए हैं।
Bangladesh Government ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसके बाद बांग्लादेश सरकार ने भारत को एक राजनयिक पत्र भेजकर हसीना को ढाका प्रत्यर्पित करने की मांग की है। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने हसीना और उनके कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन और नरसंहार के आरोपों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
शेख हसीना, जो 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं, बांग्लादेश में कुछ महीनों पहले छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर भाग गई थीं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी सरकार गिर गई थी। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि भारत को भेजे गए मौखिक नोट में बांग्लादेश ने हसीना को न्यायिक प्रक्रिया के लिए वापस भेजने की मांग की है।
बांग्लादेश के गृह सलाहकार जहांगीर आलम ने भी बताया कि उनके कार्यालय ने भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की सुविधा प्रदान करने के लिए विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा है। आलम ने यह भी कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि पहले से मौजूद है, और इसके तहत हसीना को वापस लाया जा सकता है।
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने पिछले महीने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि वे शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेंगे, ताकि हर हत्या में न्याय सुनिश्चित किया जा सके। यूनुस ने यह भी आरोप लगाया कि हसीना के शासन में छात्रों और श्रमिकों सहित करीब 1500 लोग मारे गए थे, जबकि 19,931 अन्य घायल हुए थे।
कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल ने चेतावनी दी थी कि यदि भारत प्रत्यर्पण संधि के किसी प्रावधान का हवाला देते हुए हसीना के प्रत्यर्पण से इनकार करता है, तो बांग्लादेश इसका कड़ा विरोध करेगा। सितंबर में यूनुस ने यह भी कहा था कि भारत को हसीना पर किसी भी राजनीतिक टिप्पणी से बचना चाहिए।