Foreign Minister S Jaishankar ने दिल्ली में एक मैगज़ीन विमोचन कार्यक्रम के दौरान कहा, “हम अभी भी आतंकवाद का गंभीर स्तर पर सामना कर रहे हैं। हम एक ऐसी विदेश नीति की दिशा में बढ़ रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय विकास को प्रेरित करना है।”
Foreign Minister S Jaishankar दिल्ली में ‘India’s World Magazine’ के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने कहा, “मैं आज इस मंच से जुड़कर अत्यधिक प्रसन्न हूं, क्योंकि हम एक नए मंच की शुरुआत कर रहे हैं, जो केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि एक संवाद और बहस का अवसर प्रदान करता है। यह मेरे लिए खास इसलिए है क्योंकि मैं इसे हमारे देश में विचार-विमर्श और तर्क की एक नई दिशा के रूप में देखता हूं, और मुझे लगता है कि ऐसे और मंचों की आवश्यकता है।”
#WATCH | Delhi: EAM Dr S Jaishankar says, “… The rerouting of supply chains today has a foreign policy implication, it also is a great national development opportunity… It is already spurring manufacturing in this country. It is also in a way a catalyst for technology growth… pic.twitter.com/o9vEIG2fCg
— ANI (@ANI) December 15, 2024
इस मौके पर Foreign Minister S Jaishankar ने विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “डिजिटल युग ने विदेश नीति की एक नई आवश्यकता को जन्म दिया है, क्योंकि यह पारंपरिक विनिर्माण युग से पूरी तरह से भिन्न है। विनिर्माण में जिन चुनौतियों का सामना किया जा सकता था, वे अब डिजिटल युग में कहीं अधिक जटिल हो गई हैं। आज, केवल उत्पाद ही नहीं, बल्कि डेटा भी एक महत्वपूर्ण संसाधन बन गया है। हमें अपनी अर्थव्यवस्था और वैश्विक साझेदारियों को इस दृष्टिकोण से फिर से आकार देना होगा। यह अब केवल एक सवाल नहीं है कि कौन सस्ती कीमत पर माल बेच रहा है, बल्कि यह भी महत्वपूर्ण है कि आप किसके उत्पाद और सेवाओं पर भरोसा करते हैं, आपका डेटा कहां स्टोर होता है, और उसे किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। ये सभी मुद्दे आने वाले समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण होंगे।”
विदेश मंत्री ने आगे कहा, “विदेश नीति हमेशा पुरानी और नई चुनौतियों का मिश्रण रही है। हमने जो समस्याएं अतीत में झेली हैं, वे अभी भी जारी हैं। हमें अपनी सीमाओं की रक्षा करनी है, और हम अभी भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीर लड़ाई लड़ रहे हैं। अतीत की कठोर यादें और वर्तमान की आवश्यकताएं दोनों हमें लगातार नई दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करती हैं। हम पहले से ही एक ऐसी विदेश नीति की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं, जो राष्ट्रीय विकास को प्राथमिकता देती है। अगर आप पिछले दशक में विदेश मंत्रालय द्वारा जारी सभी संयुक्त घोषणाओं का अध्ययन करें, तो आपको साफ़ नजर आएगा कि आर्थिक कूटनीति पर अब एक नया जोर दिया जा रहा है। जब प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री विदेश जाते हैं, तो चर्चा का मुख्य विषय तकनीक, निवेश, सर्वोत्तम प्रथाएं और सहयोग होते हैं। हम अपने दक्षिण-पूर्व एशियाई और पूर्वी एशियाई साझेदारों से महत्वपूर्ण पाठ भी सीख रहे हैं।”