Govardhan puja

Govardhan puja कब है? जानें इसकी सही तारीख और शुभ मुहूर्त।

Govardhan puja भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, और दिवाली के इस उत्सव का एक खास हिस्सा है। यह पर्व पांच दिनों तक चलता है, जिनमें से एक दिन गोवर्धन पूजा के लिए समर्पित होता है, जिसे ‘अन्नकूट पूजा’ भी कहा जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र देव को पराजित करने की विजय का प्रतीक है। भक्त इस दिन भगवान कृष्ण के साथ-साथ गोवर्धन पर्वत की भी पूजा करते हैं।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गोवर्धन पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। हालाँकि, इस बार गोवर्धन पूजा की तारीख को लेकर कई लोग कंफ्यूजन में हैं। इस लेख में, हम आपको गोवर्धन पूजा की सही तारीख, शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि की विस्तृत जानकारी देंगे।

Govardhan puja की तिथि और शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर कई लोग भ्रमित हैं कि यह 1 नवंबर को मनाई जाएगी या 2 नवंबर को। लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम आपको सही तारीख और शुभ मुहूर्त बताते हैं। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 2 नवंबर रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा। इस प्रकार, गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त शनिवार सुबह 6 बजकर 34 मिनट से 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।

Govardhan puja का महत्व

गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भक्त भगवान श्री कृष्ण, गोवर्धन पर्वत, और गाय की पूजा करते हैं। यह पर्व भगवान कृष्ण को समर्पित है, साथ ही यह प्रकृति माँ के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का भी एक अवसर है। इस दिन भक्त गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की प्रिय गायों की पूजा करके उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने वृंदावन के निवासियों को भगवान इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया था। इसके परिणामस्वरूप, लोगों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा बड़े उत्साह के साथ करना शुरू किया, और भगवान कृष्ण को ‘गोवर्धनधारी’ और ‘गिरिधारी’ के नाम से पुकारा जाने लगा।

गोवर्धन पूजा कैसे करें

गोवर्धन पूजा के दिन, 2 नवंबर को, भक्तों को सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद, भगवान श्री कृष्ण की पूजा का कार्य करें।

इसके बाद, दोपहर में अपने घर के आंगन में गोवर्धन महाराज की प्रतिमा स्थापित करें। साथ ही, अपने घर के मंदिर में दीये और अगरबत्ती जलाना न भूलें।

इस दिन भगवान को दूध, पान, अन्नकूट आदि भोग अर्पित करें। विशेष रूप से, छप्पन भोग तैयार करके गोवर्धन की मूर्ति को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।


When is Govardhan puja? Know its exact date and auspicious time.

Govardhan puja holds an important place among the festivals celebrated in India, and is a special part of this celebration of Diwali. This festival lasts for five days, one of which is dedicated to Govardhan Puja, also known as ‘Annakoot Puja’. This day marks the victory of Lord Krishna defeating Indra Dev. Devotees worship Lord Krishna as well as Govardhan mountain on this day.

According to the Hindu calendar, Govardhan Puja is celebrated on the Pratipada date of Shukla Paksha of Kartik month. However, this time many people are confused about the date of Govardhan Puja. In this article, we will give you detailed information about the exact date, auspicious time, and puja method of Govardhan Puja.

Date and auspicious time of Govardhan puja

Many people are confused about the date of Govardhan Puja whether it will be celebrated on November 1 or November 2. But you do not need to worry. We tell you the exact date and auspicious time. According to the Panchang, the Pratipada date of Kartik month will start on November 1 at 6:16 pm and will end on November 2 at 8:21 pm. Thus, Govardhan Puja will be celebrated on November 2, Saturday. The auspicious time of Govardhan Puja will be from 6:34 am to 8:46 am on Saturday.

Importance of Govardhan puja

Govardhan Puja holds special significance in Hinduism. On this day devotees worship Lord Shri Krishna, Govardhan mountain, and cow. This festival is dedicated to Lord Krishna, as well as it is an occasion to show reverence and respect to Mother Nature. On this day devotees worship Govardhan mountain and Lord Krishna’s beloved cows and seek their blessings.

According to Hindu mythology, Lord Krishna lifted Govardhan mountain on his little finger to save the residents of Vrindavan from the wrath of Lord Indra. As a result, people started worshipping Govardhan Mountain with great enthusiasm, and Lord Krishna came to be known as ‘Govardhandhari’ and ‘Giridhari’.

How to perform Govardhan Puja

On the day of Govardhan Puja, November 2, devotees should wake up early in the morning and take a bath first. After bathing, perform the worship of Lord Shri Krishna.

After this, install the idol of Govardhan Maharaj in the courtyard of your house in the afternoon. Also, do not forget to light diyas and incense sticks in the temple of your house.

On this day, offer milk, paan, Annakut etc. to God. In particular, prepare Chhappan Bhog and offer it to the idol of Govardhan as Prasad.

By Sumit Sharma

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