handbag को लेकर बीजेपी कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी पर निशाना साध रही है।
सोमवार को जब प्रियंका गांधी संसद पहुंची, तो उनके हाथ में एक handbag था, जिस पर ‘फ़लस्तीन’ लिखा हुआ था और कुछ फ़लस्तीनी प्रतीक भी बने हुए थे। बीजेपी ने इस बैग को लेकर प्रियंका गांधी पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। पिछले सप्ताह, प्रियंका गांधी से नई दिल्ली स्थित फ़लस्तीनी दूतावास के चार्ज़ डिअफ़ेयर्स ने मुलाक़ात की और वायनाड से उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी थी। प्रियंका गांधी ग़ज़ा में इसराइली बमबारी की तीव्र आलोचना भी कर चुकी हैं और इस मुद्दे पर लगातार मुखर रही हैं।
सोमवार को एक वीडियो में जब प्रियंका गांधी से इस handbag के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “मैं इस मुद्दे पर अपनी राय पहले भी कई बार रख चुकी हूं। कौन यह तय करेगा कि मुझे क्या पहनना चाहिए? यह पितृसत्ता है कि आप तय करें कि एक महिला को क्या पहनना चाहिए।”
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा, “फ़लस्तीन का बैग लेकर और अज्ञानता के गर्व के साथ उन्हें लगता है कि वे कुछ खास कर रही हैं, लेकिन यह उसी तरह है जैसे आधी भरी हुई बाल्टी से पानी गिरने लगे। अगर कोई अज्ञानता के अंधेरे में डूबा हो, तो वह परिवार का नाम और फ़लस्तीन का बैग लेकर ज्ञान बांटने निकल पड़े।”
वहीं, सीपीआई के सांसद संदोष कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई से इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “फ़लस्तीन लिखा बैग रखना मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं है। जो लोग इसे मुस्लिम से जोड़ते हैं, वे गलत कर रहे हैं, क्योंकि यह एक मानवाधिकार का मुद्दा है। जब आप किसी न्यायपूर्ण मुद्दे को उठाते हैं, तो उसे आप मुस्लिम, हिंदू या ईसाई मुद्दा नहीं कह सकते। यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है और सीपीआई फ़लस्तीन के साथ खड़ा है। फ़लस्तीन का मुद्दा उठाना इसका मतलब यह नहीं कि हमास का समर्थन किया जा रहा है। मेरा मानना है कि प्रियंका गांधी ने यह बैग लेकर एक सही कदम उठाया है।”
अमित मालवीय ने एक्स पर एक ट्वीट करते हुए कहा, “संसद सत्र के अंत में कांग्रेस के लिए दो मिनट का मौन रखिए, क्योंकि यह पार्टी मानती है कि प्रियंका गांधी ही उनकी समस्याओं का समाधान हैं। कांग्रेस के लिए वह राहुल गांधी से कहीं बड़ी मुसीबत बन चुकी हैं। प्रियंका गांधी का मानना है कि फ़लस्तीन लिखा बैग लेकर संसद में आना पितृसत्ता के खिलाफ लड़ाई है।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संबित पात्रा ने कहा, “नेहरू जी के दौर से लेकर प्रियंका वाड्रा तक, गांधी परिवार के सदस्य राजनीति में हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति ही करते आए हैं। वे कभी भी देशभक्ति का बोझ नहीं उठाते, बल्कि हमेशा तुष्टीकरण की नीति को अपना हथियार बनाते हुए वही बैग लटकाए रखते हैं।”
समाचार एजेंसी पीटीआई ने जब प्रियंका गांधी से बीजेपी द्वारा की जा रही आलोचना के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा, “कृपया उनसे कहिए कि वे बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई समुदायों पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान दें। बांग्लादेश सरकार से बात करें और इन अत्याचारों को रोकने के लिए कदम उठाएं, बेकार की बातों में समय न गंवाएं।” (स्रोत पीटीआई और एएनआई)