Himachal Pradesh में मानसून का तांडव जारी है। बुधवार को धर्मशाला और कुल्लू में बादल फटने की पांच घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि आठ लोग अब भी लापता हैं। इन घटनाओं के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है और राहत-बचाव कार्य जारी है। गुरुवार सुबह मौसम खुला तो रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई गई।
Himachal Pradesh में बादल फटने से बचाव अभियान तेज, धर्मशाला-कुल्लू में हालात चिंताजनक
सैंज और मनूणी में तबाही, एक श्रमिक को बचाया, दो शव बरामद
कुल्लू के सैंज क्षेत्र में जीवानाला में बादल फटने के बाद पिन पार्वती नदी का जलस्तर गुरुवार को घटा, जिससे बिहाली गांव में लापता तीन लोगों की तलाश आसान हो सकी। वहीं, धर्मशाला के खनियारा स्थित मनूणी खड्ड में बुधवार को बहे श्रमिकों की खोज गुरुवार को भी जारी रही। एनडीआरएफ की टीम ने एक कामगार को सुरक्षित निकाल लिया जबकि दो शव बरामद किए गए। अब तक कुल तीन शव मिल चुके हैं और पांच श्रमिक लापता बताए जा रहे हैं।
मनाली और हामटा ट्रैक से 81 ट्रैकरों का सफल रेस्क्यू
मनाली के बकरथाच और हामटा दर्रे से भारी बारिश के चलते फंसे कुल 81 ट्रैकर्स को प्रशासन ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। बकरथाच की तरफ गए 50 ट्रैकरों ने बारिश के चलते रात वहीं बिताई लेकिन सुबह जिला प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू किया। वहीं, हामटा से छतडू की ओर निकले 31 ट्रैकरों से संपर्क टूट गया था, लेकिन पुलिस और प्रशासन की तत्परता से सभी को खोज निकाला गया और प्राथमिक चिकित्सा के लिए केंद्रों में भेजा गया।
कुल्लू, बंजार और गड़सा में व्यापक नुकसान, पुल और वाहन बहे
कुल्लू जिले के सैंज, मनाली, गड़सा और बंजार क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। कुल आठ गाड़ियां, 10 छोटे पुल और एक बिजली परियोजना बह गई। रैला बिहाल में तीन लोग बह गए हैं जबकि सैकड़ों पर्यटक शैशर, शांघड़ और सुचैहन पंचायतों में फंसे रहे। होरनगाड़ में बाढ़ ने बंजार-बठाहर सड़क पर पुल और एक वाहन को बहा दिया। स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में मलबा घुसने पर बच्चों को ग्रामीणों ने सुरक्षित बाहर निकाला।
मौसम विभाग का अलर्ट: 27, 28 जून को भारी बारिश का खतरा
शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने 27 और 28 जून को Himachal Pradesh के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला सहित आठ जिलों के लिए बाढ़ की चेतावनी भी जारी की गई है। 29 जून को ऑरेंज अलर्ट है जबकि बाकी दिनों के लिए येलो अलर्ट रहेगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने देर रात तक हालात का जायजा लिया और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
पंडोह डेम में बढ़ा जलस्तर, विद्युत उत्पादन अस्थायी रूप से रोका गया
ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने से पंडोह डेम में जलभराव बढ़ गया है। बुधवार शाम तक डेम का जलस्तर 2,925 फीट रिकॉर्ड किया गया और 29,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। भारी गाद आने से बग्गी सुरंग के माध्यम से देहर पावर हाउस की जलापूर्ति अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है। गुरुवार सुबह 10 बजे डेम का स्तर 2,913 फीट रहा जो खतरे के स्तर से नीचे है। फिलहाल सभी गेट खुले हैं ताकि जल प्रवाह सामान्य बना रहे।
पर्यटकों के लिए चेतावनी, स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर
कुल्लू प्रशासन ने 27-28 जून को ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए पर्यटकों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और नदी-नालों के पास न जाएं। उपायुक्त तोरुल एस. रविश ने पर्यटकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पर्यटक Himachal Pradesh आएं, लेकिन सावधानी बरतें। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आपदा से हुए नुकसान पर दुख जताया है।
अंत में निष्कर्ष:
Himachal Pradesh में मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बादल फटने की घटनाएं केवल क्षणिक नहीं, बल्कि जीवन और संपत्ति दोनों के लिए खतरनाक बन चुकी हैं। राहत-बचाव कार्य तो जारी हैं, लेकिन राज्य में प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारियों की परीक्षा अब शुरू हुई है। आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पर्यटकों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।
खबर के सूत्र अमर उजाला

