Karnatka में कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया
Karnatka के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने संविधान, चुनावी प्रक्रिया और किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया। खरगे ने कहा, “जब मोदी पहली बार संसद में चुनकर आए थे, तो उन्होंने पुरानी संसद की सीढ़ियों पर माथा टेका था, और इसके बाद ही नई संसद का निर्माण हुआ। अब हमें इस बात का डर है कि इस बार जब वे नए संसद भवन में शपथ लेने के लिए जाएंगे, तो उन्होंने पहले संविधान के सामने माथा टेका है।”
Karnatka के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे। इस बैठक में कांग्रेस के सदस्यों ने पार्टी और देश के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
खरगे ने बैठक में कहा, “आज कांग्रेस के इतिहास में एक सुनहरा दिन है। यह दिन महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 साल पूरे होने पर विशेष महत्व रखता है। यहीं, बेलगावी के महात्मा गांधी नगर में ऐतिहासिक नव सत्याग्रह बैठक हो रही है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “जब मोदी पहली बार संसद पहुंचे थे, तो उन्होंने पुरानी संसद की सीढ़ियों पर माथा टेका था, और इसके बाद नई संसद का निर्माण किया गया। अब हमें डर है कि जब वे नए संसद भवन में शपथ लेंगे, तो इससे पहले उन्होंने संविधान के सामने सिर झुका दिया है। यह उनका पुराना प्रोजेक्ट है।”
खरगे ने 26 दिसंबर 1924 का जिक्र करते हुए कहा, “यह वही दिन है, जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले मौलाना मुहम्मद अली कांग्रेस अध्यक्ष थे। वहीं से राष्ट्रीय ध्वज फहराने और उतारने की परंपरा की शुरुआत हुई।”
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि संगठनात्मक शक्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है। “हमारे समर्थक जानना चाहते हैं कि हम खुद को मजबूत बनाने के लिए क्या कदम उठाने वाले हैं। उन लोगों को भी जो अब केंद्र सरकार से निराश हो चुके हैं, यह जानने की जिज्ञासा है कि हम अपनी स्थिति कैसे मजबूत करेंगे।”
आगे बढ़ते हुए खरगे ने कहा, “हमारे पास विचारों की ताकत है, गांधी-नेहरू की विरासत है, और महान नायकों की धरोहर है। हम बेलगावी से एक नया संदेश और संकल्प लेकर लौटेंगे। इसीलिए हम इस बैठक को ‘नव सत्याग्रह’ का नाम दे रहे हैं, क्योंकि आज संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति भी महात्मा गांधी के सत्याग्रह पर सवाल उठा रहे हैं। वही लोग, जिन्होंने संविधान की शपथ ली थी, आज वही झूठ फैला रहे हैं।”