शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन Maa Brahmacharini की पूजा की जाती है, जो मां दुर्गा का दूसरा रूप हैं। इस दिन की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह देवी पार्वती के उस रूप का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी।
मां ब्रह्मचारिणी का महत्व
देवी ब्रह्मचारिणी को त्याग, तपस्या और संयम का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने हजारों वर्षों तक कठिन तपस्या की, जिसमें पहले 1,000 साल तक केवल फूल और फल खाए, और फिर 100 वर्षों तक पत्तेदार सब्जियाँ खाकर भूमि पर सोईं। उनके जीवन का एक बड़ा हिस्सा भगवान शिव को पाने के लिए बिना अन्न और जल के बीता। उनकी पूजा करने से व्यक्ति में तप, संयम, और धैर्य जैसे गुणों का विकास होता है, और उसका नैतिक आचरण बेहतर होता है। देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं, जो सौभाग्य और सफलता के प्रतीक हैं।
दूसरे दिन का शुभ रंग
नवरात्रि के प्रत्येक दिन के लिए एक विशेष रंग निर्धारित है। दूसरे दिन का शुभ रंग “हरा” है। हरा रंग प्रकृति, विकास, शांति, और स्थिरता का प्रतीक है। इसे पहनने से जीवन में उर्वरता और संतुलन की भावना का संचार होता है।
Maa Brahmacharini की पूजा विधि, सामग्री और भोग
पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन Maa Brahmacharini की पूजा पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है। सुबह स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को साफ करके मां की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। इसके बाद, मां को जल, अक्षत (चावल), फूल और दूर्वा अर्पित करें। उन्हें सफेद वस्त्र चढ़ाएं, जो पवित्रता और संयम का प्रतीक माना जाता है। पूजा के दौरान दीप जलाएं और मंत्रों का जाप करें:
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः”
मंत्र का जाप करते हुए मां से मन की शांति और जीवन में सफलता के लिए प्रार्थना करें।
पूजा सामग्री
पूजा के लिए आवश्यक चीज़ें हैं:
– जल से भरा कलश
– अक्षत (चावल)
– सफेद फूल
– रोली और चंदन
– धूप और दीप
– दूर्वा
– सफेद वस्त्र
– पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण)
– फल और मिठाई
भोग
Maa Brahmacharini को चीनी, पंचामृत और ताजे फल का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा, दूध से बने प्रसाद का भी विशेष महत्व होता है। यह भोग शुद्धता और तपस्या का प्रतीक है, जिसे अर्पित करने से मां की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
On the second day of Sharadiya Navratri, Maa Brahmacharini is worshipped, who is another form of Maa Durga. The worship on this day has special significance, as it represents the form of Goddess Parvati who performed rigorous penance to get Lord Shiva as her husband.
Significance of Maa Brahmacharini
Goddess Brahmacharini is considered to be the epitome of renunciation, austerity, and restraint. She performed rigorous penance for thousands of years, first eating only flowers and fruits for 1,000 years, and then eating leafy vegetables and sleeping on the ground for 100 years. A major part of her life was spent without food and water to attain Lord Shiva. Worshipping her develops qualities like austerity, restraint, and patience in a person, and improves his moral conduct. Goddess Brahmacharini controls the planet Mars, which is a symbol of good luck and success.
Auspicious color of the second day
A particular color is prescribed for each day of Navratri. The auspicious color of the second day is “green”. Green color symbolizes nature, growth, peace, and stability. Wearing it brings a sense of fertility and balance in life.
Maa Brahmacharini Puja Vidhi, Materials and Bhog
Puja Vidhi
On the second day of Navratri, Maa Brahmacharini is worshipped with full devotion and reverence. Take a bath in the morning, wear clean clothes and clean the place of worship and install the idol or picture of the mother. After this, offer water, akshat (rice), flowers and durva to the mother. Offer her white clothes, which are considered a symbol of purity and restraint. Light a lamp and chant mantras during the puja:
“Om Aim Hreem Kleem Brahmacharini Namah”
While chanting the mantra, pray to the mother for peace of mind and success in life.
Puja Samagri
The things required for the puja are:
– Kalash filled with water
– Akshat (rice)
– White flowers
– Roli and sandalwood
– Incense and lamp
– Durva
– White cloth
– Panchamrit (a mixture of milk, curd, ghee, honey and sugar)
– Fruits and sweets
Bhog
Sugar, Panchamrit and fresh fruits are offered to Maa Brahmacharini. Apart from this, prasad made of milk also has special significance. This bhog is a symbol of purity and penance, offering which brings blessings of the mother and brings happiness and prosperity in life.