Site icon INDIAN NEWS

Noida के किसानों का दिल्ली मार्च एक हफ्ते तक स्थगित रहा, जब प्राधिकरण अधिकारियों के साथ समझौता हुआ।

Noida के किसानों ने दिल्ली मार्च को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है,

Noida के किसानों ने दिल्ली मार्च को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है, यह फैसला प्राधिकरण अधिकारियों के साथ हुई वार्ता के बाद लिया गया। अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सात दिन का वक्त मांगा है। इस दौरान, किसान दलित प्रेरणा स्थल पर ही प्रतीक्षा करेंगे।

Noida के किसानों ने रविवार को दिल्ली कूच का ऐलान किया था और बड़ी संख्या में अपनी मांगों को लेकर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर एकत्र हो गए थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए कई स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए थे, जिसके कारण दिल्ली-नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर घंटों जाम लगा रहा। हालांकि, अधिकारियों के साथ लंबी वार्ता के बाद किसान दिल्ली कूच न करने पर राजी हो गए।

भारतीय किसान परिषद (BKP), किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) जैसे संगठनों के नेतृत्व में नोएडा के किसान प्रदर्शन कर रहे थे। वे नए कानून के तहत पिछले एक हफ्ते से मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। किसान और प्राधिकरण के बीच कई दौर की बातचीत के बाद, नोएडा प्राधिकरण ने उन्हें एक हफ्ते का समय दिया और इस दौरान उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

किसान 27 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे थे, जिसमें 27 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना विकास प्राधिकरण के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ। कई बैठकों के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला था, जिसके बाद किसानों ने 2 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए, लेकिन किसान और प्राधिकरण के बीच बातचीत के बाद प्राधिकरण ने एक हफ्ते का समय मांगा। इसके बाद किसानों ने अपने दिल्ली कूच के फैसले को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया।

अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद, किसान फिलहाल दलित प्रेरणा स्थल पर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे और एक हफ्ते तक वहीं इंतजार करेंगे। उनका कहना है कि अगर एक हफ्ते में कोई समाधान नहीं निकला, तो वे फिर से दिल्ली कूच करेंगे। इस निर्णय के बाद दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं।

Exit mobile version