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‘One Nation One Election’ विधेयक केंद्र सरकार मौजूदा सत्र में पेश कर सकती है, और इस पर विस्तृत चर्चा किए जाने पर विचार किया जा रहा है।

One Nation One Election

One Nation One Election विधेयक केंद्र सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र में संसद में पेश कर सकती है. सरकार चाहती है कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की जाए।

केंद्र सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र में ‘One Nation One Election’ विधेयक को संसद में पेश करने की योजना बना रही है और इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही, रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस विधेयक पर चर्चा के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने पर विचार कर रही है और इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा करने का मन बना रही है ताकि इस पर आम सहमति बनाई जा सके।

रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट
‘One Nation One Election’ पर विचार करने के लिए 2 सितंबर 2023 को रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी। रिपोर्ट में 191 दिनों के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किया गया, जिसके बाद 18,626 पन्नों में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई। समिति ने 62 राजनीतिक दलों से संपर्क किया था, जिनमें से 32 ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का समर्थन किया, जबकि 15 ने इसका विरोध किया और 15 दलों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

सरकार की योजना
केंद्र सरकार इस विधेयक को वर्तमान सत्र में पेश करने की तैयारी में है और सूत्रों के अनुसार, सरकार चाहती है कि इस रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की जाए।

विपक्ष का विरोध
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव पर विपक्षी दल लगातार विरोध जता रहे हैं। कैबिनेट की मंजूरी के बाद, कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए इसे व्यावहारिक नहीं बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि इस प्रकार का चुनाव प्रणाली लागू करना संभव नहीं है।

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