PM Museum ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र भेजकर उनसे नेहरू से संबंधित दस्तावेज़ लौटाने की मांग की है।
PM Museum ने राहुल गांधी को पत्र लिखा है, जिसमें उनसे नेहरू के निजी दस्तावेज़ वापस करने का आग्रह किया गया है। इनमें एडविना माउंटबेटन, जेपी और अल्बर्ट आइंस्टाइन को लिखी गई चिट्ठियाँ भी शामिल हैं। यह दस्तावेज़ 2008 में सोनिया गांधी द्वारा म्यूजियम से मंगवाए गए थे।
प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने सोमवार को बताया कि 2008 में यूपीए सरकार के दौरान 51 बक्सों में भरकर नेहरू के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास भेजे गए थे। उन्होंने मांग की कि ये पत्र या तो वापस किए जाएं, या फिर इन्हें स्कैन करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि ये दस्तावेज़ पहले ही पीएम म्यूजियम का हिस्सा थे।
रिजवान ने कहा, “सितंबर 2024 में मैंने सोनिया गांधी को पत्र भेजा था, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो मैंने अब राहुल गांधी को पत्र लिखा है।” रिजवान ने राहुल गांधी को 10 दिसंबर को पत्र भेजा था, लेकिन इसकी जानकारी अब सार्वजनिक हुई है।
रिजवान का कहना है कि 51 बक्सों में वे पत्र रखे गए थे जो पंडित नेहरू ने एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टाइन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजयलक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत को लिखे थे। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने सवाल उठाया कि इन पत्रों में ऐसा क्या था, जिसे गांधी परिवार नहीं चाहता कि वह देश के सामने आए।
प्रारंभ में, इस संग्रहालय में केवल नेहरू के ऐतिहासिक दस्तावेज़ थे, जिनमें उन्होंने विश्व नेताओं को पत्र लिखे थे। लेकिन बाद में यह सामने आया कि 51 बक्सों में नेहरू के पत्र थे जो उन्होंने एडविना माउंटबेटन, जेपी नारायण और अन्य नेताओं को लिखे थे। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी, विपक्ष के नेता के तौर पर, सोनिया गांधी से बात करेंगे और इन पत्रों को देश को लौटाने की बात करेंगे।
2023 में, नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम रखा गया था। यह म्यूजियम दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर 15,600 स्क्वायर मीटर में फैला है और इसकी लागत 306 करोड़ रुपये आई थी। 15 जून, 2023 को, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) सोसाइटी की बैठक में इसका नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी सोसाइटी’ रखने का फैसला लिया गया था।