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Priyanka Gandhi ने संसद में अपना पहला भाषण दिया, जिसमें उन्होंने संविधान से संबंधित सवालों पर सरकार को घेरते हुए जवाहरलाल नेहरू का भी उल्लेख किया।

Priyanka Gandhi

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कांग्रेस नेता Priyanka Gandhi, जो केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद हैं, ने 13 दिसंबर 2024, शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले भाषण में संविधान, आरक्षण और जाति जनगणना से संबंधित मुद्दे उठाए।

Priyanka Gandhi, जो केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं, ने 13 दिसंबर 2024 को लोकसभा में अपने पहले भाषण में कई अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने संविधान, आरक्षण और जाति जनगणना जैसे सवालों पर सरकार को घेरते हुए कहा कि संविधान हमारे लिए एक “सुरक्षा कवच” है, जिसे सत्तारूढ़ पार्टी तोड़ने की कोशिश कर रही है। अपने भाषण में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू का भी उल्लेख किया और बताया कि बीजेपी, जब लोकसभा चुनावों में हारती है, तब वह संविधान के बारे में बात करने पर मजबूर होती है।

Priyanka Gandhi ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी का चुनावी परिणाम अलग होता, तो वह संविधान में बदलाव की दिशा में काम कर चुकी होती। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया और कहा कि मोदी भारत के संविधान को न समझकर संघ के संविधान को मानते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री संसद में संविधान की किताब को माथे से लगाते हैं, लेकिन जब देश के विभिन्न हिस्सों में न्याय की मांग उठती है, जैसे हाथरस और मणिपुर में, तब उनका चेहरा शिकन तक नहीं पड़ता।

Priyanka Gandhi ने लेटरल एंट्री पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया, इसे आरक्षण को कमजोर करने की एक कोशिश बताया। उन्होंने जाति जनगणना की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इससे हर नागरिक की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन किया जा सकता है और इसके आधार पर नीतियां बनाई जा सकती हैं।

प्रियंका ने आरोप लगाया कि सरकार बड़े उद्योगपतियों के हितों को प्राथमिकता दे रही है, जैसे कि गौतम अदानी के मामले में, जहां सरकार संसद में बहस से बच रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने देश की संपत्ति बड़े उद्योगपतियों को बेच दी है, और एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए 140 करोड़ भारतीयों की अनदेखी की जा रही है।

उन्होंने चुनावों में बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग की, ताकि सच्चाई सामने आ सके। इसके बाद प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के संभल और उन्नाव में हुई हिंसा और अन्य घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन पीड़ितों को न्याय का अधिकार संविधान ने दिया है। उन्होंने इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के योगदान का भी उल्लेख किया, जो आजादी के बाद देश के निर्माण में अहम थे।

प्रियंका ने अंत में कहा कि बीजेपी और सत्ताधारी सरकार अतीत की चर्चा करती है, लेकिन देश को यह जानना चाहिए कि वर्तमान में वे क्या कर रहे हैं। उन्होंने नेहरू और इंदिरा गांधी के कामों को याद करते हुए कहा कि उनकी नीतियां और योजनाएं आज भी देश में प्रभावी हैं, और उन पर किए गए हमलों को कभी नकारा नहीं जा सकता।

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