Site icon INDIAN NEWS

Rajyasabha में संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर कड़ी आलोचना की और इस बीच इंदिरा गांधी और किशोर कुमार से जुड़ा एक चर्चित किस्सा सुनाया।

Rajyasabha

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह - फोटो : PTI

RajyaSabha में अमित शाह ने आगे कहा कि कुछ लोग संविधान दिवस मनाने पर सवाल उठाते हैं, लेकिन जितनी बार हम संविधान को याद करेंगे, उतनी ही हमारी आस्था मजबूत होगी। इसके बाद, उन्होंने संसद में दुष्यंत कुमार की इमरजेंसी पर लिखी एक मशहूर कविता का उद्धरण भी प्रस्तुत किया।

RajyaSabha में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधी परिवार और कांग्रेस पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने नागरिक अधिकारों को कुचलने के लिए संविधान में संशोधन किए। शाह ने कहा, “कांग्रेस ने बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया के कच्चातिवू द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया, और इस पर संसद में कोई चर्चा नहीं हुई। यह हमारा भूभाग है, लेकिन हमारे पास नहीं है। आपने केवल अपनी पार्टी को ही नहीं, बल्कि संविधान को भी अपने परिवार की संपत्ति समझ लिया है। संविधान के साथ ऐसा अन्याय दुनिया के किसी शासक ने नहीं किया होगा।”

आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना

अमित शाह ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस को निशाने पर लिया और कहा कि कई लोगों को बिना किसी कारण जेल में डाल दिया गया था, जिनमें से कई आज कांग्रेस के साथ हैं। उन्होंने पूछा, “क्या देश पर कोई हमला हुआ था या कोई आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हुई थी? नहीं, बस इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अयोग्य घोषित किया था।” शाह ने अपनी व्यक्तिगत यादें भी साझा की और बताया कि उन्हें किस तरह से इमरजेंसी के बारे में पता चला। उन्होंने कहा, “मैं बिनाका गीतमाला सुनता था और एक दिन वह अचानक बंद हो गई। मेरे पड़ोसी चाचा ने बताया कि किशोर कुमार और इंदिरा गांधी के बीच झगड़ा हो गया था, इसलिए उनकी आवाज अब गीतमाला में नहीं आएगी।”

RajyaSabha में अमित शाह ने संविधान दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “कुछ लोग संविधान दिवस मनाने पर सवाल उठाते हैं, लेकिन जितनी बार हम संविधान को याद करेंगे, हमारी आस्था उतनी ही मजबूत होगी।” उन्होंने इस मौके पर दुष्यंत कुमार की इमरजेंसी पर लिखी पंक्तियों का भी हवाला दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने संविधान निर्माण के समय की चर्चाओं को याद करते हुए कहा, “हम स्वतंत्र हो चुके थे, लेकिन देश को नया दिशा देने के लिए एक दस्तावेज की जरूरत थी। जब अंग्रेज़ भारत को ‘इंडिया’ कहते थे, तो वह भारत की असली पहचान को नहीं समझते थे। उस समय सेठ गोविंद दास ने ‘भारत’ नाम की बात की थी, जबकि पं. नेहरू ने भविष्य की दिशा को ध्यान में रखते हुए ‘इंडिया’ को भी स्वीकार किया था।”

अमित शाह ने आगे कहा, “हमारी पुरानी परंपराओं पर हमें कोई शर्म नहीं है। हमने भारत की ऐतिहासिक धरोहरों को नई पहचान दी है। इंडिया गेट पर किंग जॉर्ज की मूर्ति को हटाकर हमने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई, वीर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की और अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय शहीद स्मारक में विलीन कर दिया।”

उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने सेंगोल को संसद में विधिवत स्थापित किया, जिसे पहले इलाहाबाद म्यूजियम में भेजा गया था।

अमित शाह ने अंत में कहा, “हमारे लिए यह जरूरी है कि हम अपने इतिहास और संस्कृति को सही तरीके से पहचानें और उसे सम्मान दें। हम अपनी परंपराओं को बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इस बदलाव को हम गर्व के साथ आगे बढ़ाएंगे।”

Exit mobile version