Santosh Deshmukh Murder मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धनंजय मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देने की सलाह दी
Maharastra में राजनीतिक हलचल उस समय तेज हो गई जब राज्य के मंत्री और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी, वाल्मिक कराड को बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने जानकारी दी कि सोमवार रात उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इस मुलाकात में सीआईडी द्वारा दायर किए गए आरोपपत्र और संबंधित मामलों पर चर्चा हुई। कराड को इस मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है। एक सूत्र ने बताया, "फडणवीस ने धनंजय मुंडे से मंत्री पद से इस्तीफा देने की सलाह दी।" धनंजय मुंडे बीड जिले के परली से एनसीपी (अजित पवार गुट) के विधायक हैं और राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भी हैं। वे पहले बीड जिले के संरक्षक मंत्री थे, लेकिन अब यह जिम्मेदारी एनसीपी प्रमुख अजित पवार के पास है। Santosh Deshmukh की हत्या और आरोप पिछले साल दिसंबर में बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हत्या बीड जिले में एक ऊर्जा कंपनी से अवैध वसूली रोकने के प्रयास के कारण हुई थी। देशमुख ने जब इस अवैध वसूली का विरोध किया, तो उन्हें अगवा कर प्रताड़ित किया गया और अंत में उनकी हत्या कर दी गई। सीआईडी ने इस मामले में 27 फरवरी को बीड जिले की अदालत में 1,200 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया। आरोपपत्र में तीन मुख्य मामलों का उल्लेख किया गया है—Santosh Deshmukh की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे की वसूली का प्रयास और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमला। इन सभी मामलों के खिलाफ बीड के केज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। मकोका के तहत मामला दर्ज सीआईडी ने आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कार्रवाई की है। अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। आरोपपत्र में वाल्मिक कराड को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है। कराड धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, और इस मामले में उनकी संलिप्तता ने विवाद को और बढ़ा दिया है। इस घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीतिक फिजा को गरमा दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर धनंजय मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देने की सलाह देने के बाद, राज्य के राजनीतिक दलों के बीच बहस तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि यह विवाद राज्य की राजनीति पर कितना असर डालता है और क्या एनसीपी नेतृत्व को इसका राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ेगा।