Wakf Amendment Bill को लेकर जेपीसी की बैठकें आज और कल आयोजित की जाएंगी। वहीं, संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होने वाला है, जिसमें इस बिल पर चर्चा की योजना है। इसी बीच, सरकार में शामिल टीडीपी का रुख बदलता हुआ नजर आ रहा है।
Wakf Amendment Bill पर सियासी हलचल तेज, संसद के शीतकालीन सत्र में गूंजने की संभावना
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक प्रस्तावित है, और इस दौरान वक्फ संशोधन बिल समेत कई अहम विधेयकों पर चर्चा होने की उम्मीद है। वक्फ संशोधन बिल को लेकर देशभर में राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। कुछ दल इसे मुसलमानों के हित में बता रहे हैं, तो कुछ कड़े विरोध में खड़े हैं। इस माहौल में एनडीए सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने भी भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
TDP के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने वक्फ संशोधन बिल पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह बिल मुसलमानों में असंतोष की भावना को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने दावा किया कि वक्फ बिल पर विचार के लिए चंद्रबाबू नायडू के कहने पर ही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया गया था। नवाब जान ने जोर देकर कहा कि इस बिल पर सभी पक्षों की राय लेना अनिवार्य है।
अमीर बाबू का कहना है कि देशभर में इस बिल को लेकर चर्चाएं चल रही हैं, और चंद्रबाबू नायडू ने सभी से इस मुद्दे पर व्यापक सर्वेक्षण करने का आग्रह किया है। उनका मानना है कि सभी संबंधित पक्षों की बात सुनी जानी चाहिए ताकि किसी समुदाय की भावनाओं को आहत न किया जाए। इससे पहले, नवाब जान ने कहा था कि वक्फ संशोधन बिल को निष्प्रभावी करने के लिए सभी को मिलकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने इसे देश की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति करार दिया, जहां पिछले कुछ वर्षों में ऐसे विवादास्पद मुद्दे उठते रहे हैं।
उन्होंने चंद्रबाबू नायडू के सेक्युलर दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि नायडू सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान रखते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर धार्मिक बोर्ड में संबंधित धर्म के लोगों का ही प्रतिनिधित्व होना चाहिए। TDP ने साफ किया है कि वे इस बिल को लागू नहीं होने देंगे।
बिल के विरोध में अन्य विपक्षी दलों ने भी आवाज उठाई है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे संसद में प्रस्तुत किया था, जिसके बाद से यह मुद्दा गरमा गया है। इस बिल पर चर्चा के लिए भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के नेतृत्व में JPC का गठन हुआ है, और इसकी बैठकें फिलहाल जारी हैं।
संसद के आगामी सत्र में वक्फ संशोधन बिल पर जोरदार बहस की संभावना है, जिससे सियासी हलचल और बढ़ने की उम्मीद है।
JPC meetings will be held today and tomorrow regarding the Wakf Amendment Bill. At the same time, the winter session of Parliament is going to start from November 25, in which there is a plan to discuss this bill. Meanwhile, the stance of TDP, which is part of the government, seems to be changing.
Political stir on Wakf Amendment Bill intensifies, likely to resonate in the winter session of Parliament
New Delhi: The winter session of Parliament is proposed from November 25 to December 23, and during this time many important bills including the Wakf Amendment Bill are expected to be discussed. There is a political debate across the country regarding the Wakf Amendment Bill. Some parties are calling it in the interest of Muslims, while some are standing in strong opposition. In this environment, NDA ally Telugu Desam Party (TDP) has also increased the difficulties for the BJP.
TDP Vice President Nawab Jan alias Ameer Babu has expressed his concern over the Wakf Amendment Bill. He says that this bill is promoting a sense of discontent among Muslims. He claimed that the Joint Parliamentary Committee (JPC) was formed at the behest of Chandrababu Naidu to consider the Waqf Bill. Nawab Jaan stressed that it is mandatory to take the opinion of all parties on this bill.
Ameer Babu says that discussions are going on across the country regarding this bill, and Chandrababu Naidu has urged everyone to conduct a comprehensive survey on this issue. He believes that all concerned parties should be heard so that the sentiments of any community are not hurt. Earlier, Nawab Jaan had said that everyone will have to move forward together to neutralize the Waqf Amendment Bill. He termed it as an unfortunate situation of the country, where such controversial issues have been arising in the last few years.
He praised Chandrababu Naidu’s secular approach and said that Naidu has equal respect for all religions. He also believes that only people of the respective religion should be represented in every religious board. TDP has made it clear that they will not allow this bill to be implemented.
Other opposition parties have also raised their voice against the bill. The issue has heated up after Minority Affairs Minister Kiren Rijiju presented it in Parliament. A JPC has been formed under the leadership of BJP MP Jagdambika Pal to discuss this bill, and its meetings are currently going on.
There is a possibility of a heated debate on the Waqf Amendment Bill in the upcoming session of Parliament, which is expected to increase political turmoil.