Bhujangasana, जिसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है

Bhujangasana, जिसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है, पीछे की ओर झुकने वाले आसनों में सबसे पहले आता है।

जब Bhujangasana, को सही तरीके से किया जाता है, तो शरीर कोबरा सांप के फन की तरह दिखाई देता है, इसलिए इसे “भुजंग” नाम दिया गया है, जिसका संस्कृत में अर्थ है कोबरा। इस आसन में रीढ़ को पीछे की ओर खींचते हुए सांप की लचीली और कोमल गति की कल्पना की जाती है। इसका मुख्य लाभ पीठ की मांसपेशियों को सुदृढ़ और टोन करना है, खासकर निचले हिस्से में। इसके अलावा, यह रीढ़ की नसों को पुनर्जीवित करता है और रक्त संचार में सुधार करता है।

Bhujangasana, जिसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है

 उद्देश्य:
रीढ़ की हड्डी को एक गहन और लचीला खिंचाव देना।

चरण 1: प्रारंभिक स्थिति (पेट के बल लेटें)
पेट के बल लेट जाएं और आराम करें। फिर, अपने हाथों को कंधों के नीचे फर्श पर सपाट रखें। धीरे-धीरे अपना सिर ऊपर उठाएं और गर्दन को पीछे की ओर मोड़ें, माथा अभी भी जमीन पर टिका रहे।

चरण 2: शरीर को ऊपर उठाना (रोल अप)
सांस अंदर लेते हुए, धीरे-धीरे शरीर को ऊपर की ओर उठाना शुरू करें। पहले माथे को उठाएं ताकि नाक फर्श के करीब हो, फिर धीरे-धीरे कशेरुकाओं को पीछे मोड़ते हुए ऊपर की ओर बढ़ें। इसे धीरे-धीरे और सावधानी से करें ताकि आपको प्रत्येक कशेरुका का मोड़ महसूस हो।

चरण 3: मुद्रा को स्थिर रखें
इस स्थिति को 10 से 60 सेकंड तक बनाए रखें। फिर धीरे-धीरे शरीर को वापस नीचे लाएं, सिर को सबसे अंत में जमीन पर टिकाएं। ध्यान रहे कि पीठ के निचले हिस्से में अत्यधिक खिंचाव न हो और किसी भी प्रकार का दर्द महसूस न हो। इस आसन को 2-3 बार दोहराया जा सकता है।

उन्नत कोबरा (विविधताएँ):

जब आप इस आसन में निपुण हो जाएं, तो आप कुछ नई भिन्नताएँ आज़मा सकते हैं:

1. साइड ट्विस्ट: कोबरा मुद्रा में रहते हुए, सिर को दाहिनी ओर मोड़ें और बाईं एड़ी को देखने की कोशिश करें। 10 सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें, फिर वापस केंद्र में आएं और बाईं ओर घुमाते हुए दोहराएं।

2. हाथों के बिना: प्रारंभिक स्थिति से, अपने हाथों को जमीन से उठाएं और केवल पीठ की मांसपेशियों का उपयोग करते हुए शरीर को ऊपर उठाएं।

3. विश्राम: भुजंगासन के बाद, पेट के बल लेटकर विश्राम करें।

4. किंग कोबरा: नियमित अभ्यास के साथ, आप “किंग कोबरा” मुद्रा भी कर सकते हैं, जिसमें आपके पैर सिर को छूते हैं।

यह आसन न केवल पीठ को मजबूत करता है बल्कि लचीलापन भी बढ़ाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।


Bhujangasana, also known as Cobra Pose, is the first of the backward bending asanas.

When this Bhujangasana,is done correctly, the body looks like the hood of a cobra snake, hence the name “Bhujang”, which means cobra in Sanskrit. In this asana, the flexible and gentle movement of the snake is imagined while stretching the spine backward. Its main benefit is to strengthen and tone the back muscles, especially in the lower part. In addition, it revitalizes the spinal nerves and improves blood circulation.

 Purpose:
To give an intense and flexible stretch to the spine.

Step 1: Starting position (lie on the stomach)

Lie on the stomach and relax. Then, place your hands flat on the floor under the shoulders. Slowly lift your head up and bend the neck backward, with the forehead still resting on the ground.

Step 2: Lifting the body (Roll Up)
Breathing in, slowly start lifting the body upwards. First lift the forehead so that the nose is close to the floor, then slowly move upwards by bending the vertebrae back. Do this slowly and carefully so that you feel the bend of each vertebra.

Step 3: Hold the pose
Maintain this position for 10 to 60 seconds. Then slowly bring the body back down, resting the head on the floor last. Make sure not to overstretch the lower back and feel any kind of pain. This asana can be repeated 2-3 times.

Advanced Cobra (Variations):

Once you have mastered this asana, you can try some new variations:

1. Side Twist: While in the cobra pose, turn the head to the right and try to look at the left heel. Hold the position for 10 seconds, then come back to the center and repeat, twisting to the left.

2. Without Hands: From the starting position, lift your hands off the ground and lift the body up using only the back muscles.

3. Relaxation: After Bhujangasana, lie down on your stomach and relax.

4. King Cobra: With regular practice, you can also do the “King Cobra” pose, in which your legs touch the head.

This asana not only strengthens the back but also increases flexibility and provides mental peace.

By Sumit Sharma

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