किसान नेता Pandher ने कहा कि सरकार ने अब तक किसानों से बातचीत के लिए कोई निमंत्रण नहीं भेजा है। इसके बावजूद, कल दिल्ली की ओर किसानों का पैदल मार्च आयोजित किया जाएगा।
दिल्ली में किसानों का मार्च शुरू हुए तीन घंटे भी नहीं हुए थे कि वे शंभू बॉर्डर पर वापस लौट आए। किसान नेता सरवन Pandher ने बताया कि पुलिस के साथ झड़प के दौरान कई किसान घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर है। पंढेर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने जल्द ही बातचीत की पहल नहीं की, तो किसान कल फिर दिल्ली की ओर कूच करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, “हम नहीं चाहते कि स्कूल बंद हों या इंटरनेट सेवाएं ठप हों, हमारी मांग है कि केंद्र सरकार हमारे साथ बातचीत करे।”
शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस से भिड़ंत के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। इस दौरान शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच भारी हंगामा हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें करीब 8 किसान घायल हुए, जिनमें से दो की हालत गंभीर है। इसके बाद किसानों को शंभू बॉर्डर पर वापस बुला लिया गया।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने जल्द बातचीत का आह्वान नहीं किया, तो किसान कल फिर दिल्ली की ओर कूच करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मकसद स्कूलों या इंटरनेट की सेवाएं बाधित करना नहीं है, बल्कि वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनसे बातचीत करे। पंढेर ने बताया कि कुछ किसानों के घायल होने के कारण उन्होंने अपने जत्थे को वापस बुलाया और अब वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि या तो वे बातचीत शुरू करें या फिर उन्हें दिल्ली जाने की अनुमति दें।
पंढेर ने हरियाणा पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग की निंदा की और इसे पाकिस्तान या चीन की सीमा जैसी स्थिति बनाने की कोशिश बताया। उनका कहना था कि किसानों का कोई टकराव का इरादा नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य केवल अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना है।
किसानों ने बताया कि हरियाणा पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने उनसे बातचीत की इच्छा जताई, जिसके जवाब में किसानों ने केंद्रीय मंत्रियों से बात करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच का कार्यक्रम एक दिन के लिए स्थगित कर दिया और अब वे सरकार से बातचीत का इंतजार करेंगे। अगर बातचीत का कोई रास्ता नहीं निकलता है, तो वे कल दोपहर 12 बजे फिर से दिल्ली की ओर बढ़ने की योजना बना रहे हैं।
शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, और पुलिस बल के अलावा अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है। ड्रोन और वाटर कैनन का भी इंतजाम किया गया था।
किसानों की प्रमुख मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, डीएपी खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करना, कर्ज माफी और पेंशन जैसी कई मुद्दे शामिल हैं।